नरमा, कपास की बिजाई का सही समय ( Cotton sowing time ) : नरमा, कपास की फसल भारत की प्रमुख नकदी फसलों में आती है। अच्छे उत्पादन के लिए कपास की बिजाई सही समय पर करना बेहद जरूरी है। भारत के उत्तर पश्चिमी राज्यों जैसे – हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र में कपास की खेती ( Kapas ki Kheti ) बड़े पैमाने पर की जाती है। कपास की अच्छी किस्मों ( top cotton variety ) का चुनाव करने से भी फसल के उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है। अपने क्षेत्र के हिसाब से कपास ( cotton ) की किस्मों का चुनाव करना चाहिए और सही समय पर बिजाई करनी चाहिए।
नरमा, कपास की खेती के लिए मिट्टी का चुनाव
कपास की खेती के लिए काली, जलोढ़ मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। कपास के पौधे ( cotton plant ) को अपने विकास के लिए ज्यादा खाद और पानी की आवश्यकता पड़ती है। कपास का अच्छा उत्पादन लेने के लिए भारी जमीन ( heavy soil ) का ही चुनाव करने की कोशिश करें। थोड़ी हल्की जमीन में भी कपास की फसल लगाई जा सकती है। मिट्टी की उपजाऊ शक्ति के हिसाब से भी कपास की उपज कम या ज्यादा हो जाती है।
नरमा, कपास की सही किस्म का चुनाव कैसे करें ( cotton seeds variety )
बाजार में कपास की सैकड़ों वैरायटी मिल जाएंगी लेकिन कपास की वैरायटी ( kapas ki variety ) का चुनाव अपने खेत की मिट्टी और जलवायु को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए। क्योंकि कोई भी वैरायटी मिट्टी और जलवायु को ध्यान में रखकर ही तैयार की जाती है। इसलिए उसी वैरायटी का चुनाव करें जो वैरायटी आपके क्षेत्र में पिछले साल सबसे टॉप ( top cotton variety ) रही थी।
नरमा, कपास की बिजाई का सही समय ( cotton sowing time)
नरमा, कपास की बिजाई अप्रैल से जून महीने में की जाती है। 10 अप्रैल से नरमा कपास की बिजाई शुरू कर सकते हैं और जून के प्रथम सप्ताह तक यानी कि 10 जून तक भी नरमा की पछेती बिजाई की जा सकती है। नरमा कपास की बिजाई के लिए सही समय की बात करें तो 15 अप्रैल से लेकर 15 मई तक का समय कपास की बिजाई के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
नरमा, कपास की अगेती बिजाई के फायदे ( early stage cotton sowing time )
- कपास की अगेती बिजाई करने का फायदा यह होता है कि ज्यादा गर्मी पड़ने से पहले कपास का पौधा अच्छा विकास कर चुका होता है जिससे वह गर्मी की चपेट में नहीं आता।
- कपास की अगेती बिजाई करने का दूसरा बड़ा फायदा यह है कि जब अगस्त महीने के आस-पास बारिश का समय आता है तो पछेती कपास में फूल और फल झड़ने की समस्या ज्यादा आती है अगर आपने अगेती कपास लगाई हुई है तो बारिश के समय से पहले आप की फसल में अच्छे फल बन चुके होते हैं।
- इसके अलावा सबसे बड़ा फायदा यह है कि जब कपास की फसल अपने अंतिम चरण में होती है उस समय सफेद मक्खी ( white fly ) और गुलाबी इल्ली ( Pink Bollworm ) का प्रकोप फसल में काफी बढ़ जाता है। अगेती बिजाई की हुई कपास में उस समय तक अच्छा फल बन चुका होता हैं जिससे फसल में कीटों ( insect ) से नुकसान कम से कम होता है।